रविश कुमार(Ravish kumar) ने तोड़ी एग्जिट (Exit Poll) पोल के नतीजों पर अपनी चुप्पी.. क्या कह दिया पत्रकारों के बारे में....

New Delhi: लोकसभा चुनाव 2019  के बाद एग्जिट पोल शुरू हो गया है।
इसके नतीजे अब तक करीब हर छोटे-बड़े चैनल पर दिखने लगा है।
 इनमें एनडीए (BJP)के लिए बहुत ही खुशखबरी आई है क्योंकि करीब 7 चैनलों ने एनडीए को बहुमत दे दिया है। इस एग्जिट पोल की वजह से राजनीति में बहुत ही गर्मा चुकी है, अब तक सभी बड़े नेताओं ने अपना बयान दे दिया है ममता बेनर्जी से लेकर अरविंद केजरीवाल तक ने।

अब पत्रकार रवीश कुमार (Ravish Kumar)  ने भी एग्जिट पोल पर चुप्पी तोड़ दी है उन्होंने अपने ब्लॉग में बड़ा बयान दिया जिसको एनडीटीवी न्यूज़( NDTV) की वेबसाइट ने दिखाया है बता दे कि अब तक लाखो लोगो ने इसे देखा है।

विपक्ष कर रहा है बुराई

 एग्जिट पोल ने एनडीए को बहुमत दे दिया है विपक्ष हैरान हो चुका है अभी सिर्फ अनुमान है। लेकिन अभी सभी पक्ष में खलबली मच गई है,सीएम ममता बनर्जी ने तो कह दिया है कि वे एग्जिट पोल पर भरोसा ही नहीं करती वहीं जम्मू कश्मीर की  सीएम रह चुकी  महबूबा मुफ़्ती का कहना है , कि इस नतीजे से चैनलों के एंकरों के चेहरे किसी बच्चे की तरह खिल गए हैं।विपक्षी नेताओं का कहना है की बीजेपी द्वारा यह भर्मिक एग्जिट पोल दिखाया जा रहा है जिससे चुनाव में गड़बड़ी कर सके, ये विपक्षी नेताओं का कहना है।

Ravish kumar ने भी दिया बयान।

एनडीटीवी (NDTV) न्यूज़ वेबसाइट के मुताबिक अपने ब्लॉग में पत्रकार रविश कुमार( Ravish kumar ) ने बयान दिया है, बता दे कि रविश कुमार वो आज के माहौल में एक सच्चे ओर ईमानदार पत्रकार है जो हमेशा सच को दिखाते है इसी कारण आज उनके (social media) पर काफी मात्रा में फॉलोवर है एग्जिट पोल के आंकड़ों पर उन्होंने भी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने मजाक उड़ाते हुए कहा है कि आखिरकार मोदी लहर मिल ही गई। वो बोले कि तीन महीनो से चैनल वाले ओर पत्रकार गांव -गांव जाकर मोदी लहर ढूढ़ रहे थे।

एग्जिट पोल की विश्वसनीयता  पर सवाल उठाया ।

रवीश (Ravish Kumar)ने अपने ब्लॉग में ऑस्ट्रेलिया में गलत साबित हुए एग्जिट पोल का उदाहरण देते हुए इनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिया, रविश बोले की एग्जिट पोल  विश्वसनीयता का पहला ऐसा विज्ञानिक काम है जो गलत होने के बावजूद भी गलत होने के लिए किया जाता है।उन्होंने एग्जिट पोल को एक बिजनेस के रूप में बताया कि हर चुनाव में कंपनियों को काम करने का मौका मिल जाता है और अच्छी खासी इनकी कमाई हो जाती है जनता के विश्वास से कोई लेना देना नहीं होता है यह मात्र 10,12 हजार लोगों से पूछ कर एग्जिट पोल को दिखा देते है, ओर करोड़ी मतदाताओ का मजाक बना देते है।

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